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Jitiya Ke Geet: Jitiya Aarti with Lyrics | Jivitputrika Song | जितिया आरती लिरिक्स | Boldsky

2025-09-12 82 Dailymotion

Jitiya Ke Geet: जितिया की आरती (Jitiya Ki Aarti) ओम जय कश्यप नन्दन, प्रभु जय अदिति नन्दन।त्रिभुवन तिमिर निकंदन, भक्त हृदय चन्दन॥ओम जय कश्यप.. सप्त अश्वरथ राजित, एक चक्रधारी।दु:खहारी, सुखकारी, मानस मलहारी॥ओम जय कश्यप..सुर मुनि भूसुर वन्दित, विमल विभवशाली।अघ-दल-दलन दिवाकर, दिव्य किरण माली॥ ओम जय कश्यप..सकल सुकर्म प्रसविता, सविता शुभकारी।विश्व विलोचन मोचन, भव-बंधन भारी॥ओम जय कश्यप..कमल समूह विकासक, नाशक त्रय तापा।सेवत सहज हरत अति, मनसिज संतापा॥ओम जय कश्यप..नेत्र व्याधि हर सुरवर, भू-पीड़ा हारी।वृष्टि विमोचन संतत, परहित व्रतधारी॥ओम जय कश्यप.. <br /> <br /> <br />#jitiyalocket #jitiya_vrat #jitiya #jitiyavrat2025 #jitiyakatha #jitiyamaiyakikatha #jitiya_माय #jitiyapuja #hindufestival #hindufestival2025 #jitiyavratkabhai #jitiyavratkaisekarnachahiye #jitiyaupvas #jitiyapanipisaktehain<br /><br />~HT.318~PR.111~ED.120~

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